GUNAHGAAR

गुनाह उसका ये कि 

वो माँगता है भीख सड़क पर।   

यहाँ हम दिन-रात मांगते हैं भीख

फिर भी गुनहगार नहीं।। 

 

ययाति पंड्या 


Gunaah Uska Yeh 

Ki Woh Mangta Hai Bheekh Sadak Par 

Yahan Hum Din-Raat Mangte Hain Bheekh 

Phir Bhi Gunahgaar Nahin


 Yayaatti Pandya

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पड़ाव (कविता हिंदी)

इंतज़ार